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” ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुध्दिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा “

तेन दीक्षेति हि् प्रोक्ता प्राप्ता चेत् सद्गुरोर्मुखात।।

As being a musician has understanding of tone and rhythm, the learner as well as the listener Keep to the exact accomplished artist.

“ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा”

दीपक की बाती को हल्दी या पीले कपड़े से लपेटकर सुखा लें.

✨ Navratri is the perfect the perfect time to reset your spiritual energy, safeguard your self, and unlock divine aid.

The entire course of action for Bagalamukhi Yantra and its follow can not be supplied listed here, but the mandatory mantra is offered briefly for that convenience in the practitioner.

देवी ने प्रसन्न होकर श्री विष्णु को इच्छित वर प्रदान किया जिसके कारण संसार का कल्याण हुआ । निगम शास्त्र में जिन्हें ” बल्गा -मुखी ” कहा जाता है । आगम शास्त्रों में इन्हें ” बगलामुखी ” कहा जाता है । इस देवी को ब्रह्मास्त्र विद्या एवं त्रिशक्ति भी कहा जाता है । कलियुग में चमत्कारी प्रभाव दिखाने में यह अग्रणी देवी है । तात्पर्य यह है कि देवी अतिशीघ्र प्रसन्न होकर साधक को मनोवांछित फल प्रदान करती है । कई बार इनके चमत्कार हुए है । कलियुग के इस दौर में जहाँ विज्ञान अपने आविष्कारों से असंभव को संभव कर दिखा रहा है । वहीँ देवी बगलामुखी के आराधक एवम् साधक देवी की कृपा से चमत्कारिक शक्ति अर्जित करके फलीभूत हो रहे है ।

The initiation from more info the expertise specified by the Guru for easy, Secure and secure living, which the Guru painstakingly shares as an knowledge, is the main exercise to obtain that knowledge-like honor and grace.

समयानुसार युग परिवर्तन होता रहता है और अनेकों बार देवताओं एवम् मनुष्यों पर दैत्यों एवम् अन्य प्रकार की विपदाएं उपस्थित हुई है । ऐसी विकट परिस्थितियों में ‘आदि शक्ति ‘ ने किसी न किसी रूप में उपस्थित होकर देवताओं और मानव के दु:खों का हरण किया । एक बार ऐसे ही सतयुग काल में महा विनाशकारी तूफ़ान आया । उस तूफ़ान की प्रचंडता से स्रष्टि की कार्य प्रणाली अस्त -व्यस्त हो गयी । देवता , दानव , यक्ष ,किन्नर ,मनुष्य , पशु -पक्षी आदि सभी त्राहि-त्राहि करने लगे । एक प्रकार से हाहाकार की स्थिति उत्पन्न हो गयी । स्वयं भगवान श्री हरि विष्णु जी चिंतित हो उठे । तब उन्होंने सौराष्ट्र देश के हरिद्रा नामक सरोवर के निकट जाकर तप करना आरम्भ किया । उनकी कठिन तपस्या के प्रभाव से मंगलवार चतुर्दशी की अर्धरात्रि को देवी बगलामुखी का आविर्भाव हुआ ।

A powerful ritual to eliminate obstacles and defeat enemies through the divine intervention of Maa Baglamukhi.

@ माँ बगलामुखी की फोटो के सामने चौकी के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाये ।

Our companies are usually not intended to swap Skilled advice or cure. Guests are encouraged to utilize their discretion and consult with competent gurus for just about any unique issues or difficulties.

If the initiation rites are executed by the Expert, that elusive animal cover is totally damaged and also the disciple is aware about the inherent divine power.

अभ्यास अवधि के दौरान, निम्नलिखित सावधानियों का पालन करना महत्वपूर्ण हैः

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