Shodashi - An Overview
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The Mahavidyas certainly are a profound expression in the divine feminine, Every single representing a cosmic functionality along with a path to spiritual enlightenment.
सर्वेषां ध्यानमात्रात्सवितुरुदरगा चोदयन्ती मनीषां
Her 3rd eye represents increased perception, assisting devotees see over and above Actual physical appearances into the essence of truth. As Tripura Sundari, she embodies love, compassion, as well as joy of existence, encouraging devotees to embrace lifestyle with open hearts and minds.
Shiva used the ashes, and adjacent mud to once more type Kama. Then, with their yogic powers, they breathed lifetime into Kama in this kind of way that he was animated and very capable of sadhana. As Kama continued his sadhana, he steadily gained electrical power around others. Absolutely conscious from the opportunity for complications, Shiva played along. When Shiva was asked by Kama for your boon to own 50 percent of the strength of his adversaries, Shiva granted it.
सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥
ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
Should the Shodashi Mantra is chanted with a transparent conscience and also a determined intention, it will make any would like come genuine for you.
हन्यादामूलमस्मत्कलुषभरमुमा भुक्तिमुक्तिप्रदात्री ॥१३॥
ह्रीङ्काराङ्कित-मन्त्र-राज-निलयं श्रीसर्व-सङ्क्षोभिणी
The noose signifies attachment, the goad represents repulsion, the sugarcane bow signifies the head and the arrows are definitely the 5 perception objects.
शस्त्रैरस्त्र-चयैश्च चाप-निवहैरत्युग्र-तेजो-भरैः ।
The intricate relationship between these more info teams as well as their respective roles during the cosmic order is actually a testomony for the wealthy tapestry of Hindu mythology.
प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि